परिजन कर रहे थे तेरहवीं, तभी बेटे के पास आया पिता जी का फोन, मामला जानकर हैरान रह गये सब

शाहजहांपुर। नेटवर्क

एक ऐसे मामले सब को हैरान कर दिया जब बेटा पिता जी तेरहवीं की तैयारी में लगा था। उसी समय पिता जी का फोन आ गया । फोन पर आवाज सुनकर सब के पैरे तले की जीमन खिसक गई । हैरान कर देने वाली घटना के बाद अस्पताल में भर्ती जीवित पिता को देखकर लोग हैरान हैं, वहीं अब पुलिस अपनी गलती और लापरवाही को सुधारने में जुटी गई है.

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मामला शाहजहांपुर जिले के थाना चौक कोतवाली इलाके का का है। जानकारी के अनुसार एक युवक ने अज्ञात शव को अपने पिता को समझकर घर ले गए और उनका अंतिम संस्कार कर दिया. इसके बाद पिता की तेरहवीं की तैयारियां शुरू कर दीं। इस दौरान पता चला कि उसके पिता जीवित हैं और शाहजहांपुर के मेडिकल कॉलेज में एक माह से भर्ती होकर अपनी टूटी टांग का इलाज करा रहे हैं।

22 अगस्त को 60 वर्षीय व्यक्ति का अज्ञात शव कोतवाली पुलिस को मिला था। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया और शाम को ही खीरी जनपद के पसगवां गांव के रहने वाले इंद्र कुमार ने अज्ञात शव की पहचान अपने पिता रनालाल के रूप में की. शव का पोस्टमार्टम होने के बाद वह शव अपने घर ले गए और वहां अंतिम संस्कार कर दिया।

पिता की तेहरवीं के दिन चचेरे भाई के अस्पताल के ही एक मरीज का फोन आया। जिसमें उसने बताया कि रनालाल यहां अस्पताल में भर्ती हैं और उनका पैर टूटा हुआ है । खबर चलते ही जब घरवाले अस्पताल पहुंचे तो पिता रना लाल को जिंदा देखकर सभी लोग सन्न रह गए।

पिता को जीवित देखने के बाद बेटे इंद्र कुमार ने थाना कोतवाली पहुंचकर पुलिस को लिखित में बताया कि उनके पिता एक माह से लापता थे और जो शव मिला था, उसकी दाढ़ी बढ़ी हुई थी और चेहरा भी साफ नहीं था इसलिए पहचानने में गलती हो गई। उनके पिता जीवित हैं. अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।

 

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