स्त्री हूं मैं, जिम्मेदारी के बोझ तले दबी हूं,
उड़ना भी चाहूं, पर क्या करू अब थकी हूं।
आखिर यह सब करके क्या पाया,
जिसको अपना माना उसी ने ठुकराया
सब खोकर मैंने आज ये जाना
जिस के लिए तुम मरते हो वो ही है बेगाना
बार -बार अपने दिल को समझाती हूं,
न कर समझोता फिर भी न जाने क्यों उसी ओर मुड़ जाती हूं
फिर पछताती हूं अपने दिल को बहलाती हूं,
सौदागारो की दुनिया में खुद को बचाती हूं।
फिर नई किरण की तरह सपने भी मन में आते हैं
अनजाने ही दिलो जान से पूरा करने में जुट जाते है
जैसे ही किस्मत का दरवाजा खुलने लगता है,
उसी समय न जाने कौन सामने खड़ा सा लगता है।
वो कोई और नही अपनी जिम्मेदारी ही होती है,
मन करता है पैरो तले रौंद के आगे बढ जाएं
पर क्या करे?
स्त्री हुं मैं, जिम्मेदारी के बोझ तले दबी हूं
उड़ना भी चाहूं, पर क्या करू अब थकी हूं।।
This post was last modified on 23/02/2022 05:36
JYNEWS, IPL 2025 : इस सीजन का पहला मुकाबला ईडन गार्डन्स में कोलकाता नाइट राइडर्स… Read More
JYNEWS, Rohit sharam : टीम इंडिया को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) 2024-25 में 1-3 से करारी… Read More
JYNEWS, IPL 2025 : IPL के 18वें सीजन को शुरू होने में अब सिर्फ 7… Read More
Inzamam-ul-Haq : भारत का दुबई में खेलना और चैंपियन बनना पाकिस्तान के कुछ पूर्व क्रिकेटर्स… Read More
JYNEWS, IPL 2025 : नई दिल्ली। दिल्ली कैपिटल्स ने स्टार ऑलराउंडर अक्षर पटेल को कमान… Read More
JYNEWS: ICC साल 2025 भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए बेहद खास होने वाला है। टीम इंडिया… Read More