डेस्क। बेरोजगारों को रोजगार देने के लिये सरकार ने एक योजना शुरू की है। जिसके माध्यम से बिना गांरटी के आर्थिक अनुदान दे रही है। इस योजना का लाभ लेने के लिये ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।
बीते दो साल पहले कोरोना महामारी के दौरान हजारों लोगों की नौकरी चली गई। छोटे व्यापारियों का धंधा चौपट हो गया। ऐसे में उनका बचना मुश्किल हो गया। फिर ऐसे लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार पीएम स्वानिधि योजना नाम की एक योजना लेकर आई, जिसके तहत बिना गारंटी या रोजगार के रोजगार शुरू करने के लिए 10,000 रुपये तक का कर्ज दिया जाता है. सरकार ने यह योजना खासतौर पर उन रेहड़ी-पटरी वालों के लिए शुरू की थी, जिन्हें कोरोना महामारी के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
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पीएम स्वनिधि योजना के तहत सरकार रेहड़ी-पटरी वालों को अपना काम फिर से शुरू करने के लिए कर्ज देती है। इसके तहत उन्हें 10 हजार रुपये का कर्ज मिलता है। इस योजना की खास बात यह है कि सरकार कर्ज पर सब्सिडी भी देती है। ऋण चुकाने के बाद, दूसरे ऋण के रूप में दोगुनी राशि ली जा सकती है।
मान लीजिए कि कोई व्यक्ति पीएम स्वानिधि योजना के तहत पहली बार 10 हजार रुपये का कर्ज लेता है और उसे समय पर चुकाता है। ऐसे में अगर वह दूसरी बार इस योजना के तहत 20 हजार रुपये का कर्ज ले सकते हैं. इसी तरह तीसरी बार आप 50,000 रुपये के कर्ज के पात्र होंगे।
खास बात यह है कि इस योजना के तहत कर्ज लेने के लिए किसी गारंटी की जरूरत नहीं है। एक बार आवेदन स्वीकृत होने के बाद, ऋण राशि आपके खाते में तीन बार स्थानांतरित की जाती है।
आवेदन कैसे करें
पीएम स्वानिधि योजना के तहत ली गई ऋण राशि को एक वर्ष की अवधि के भीतर चुकाया जा सकता है। आप हर महीने किश्तों में ऋण राशि चुका सकते हैं। पीएम स्वनिधि योजना का लाभ पाने के लिए आवेदक के पास आधार कार्ड होना जरूरी है। पीएम स्वानिधि योजना के तहत ऋण लेने के लिए किसी भी सरकारी बैंक में आवेदन किया जा सकता है।
सरकारी बैंक में पीएम स्वाधि योजना का फॉर्म भरें। आपको फॉर्म के साथ अपने आधार कार्ड की फोटोकॉपी लगानी होगी। उसके बाद, यदि आपका आवेदन स्वीकृत हो जाता है, तो ऋण की पहली किस्त आपके खाते में जमा कर दी जाएगी।
सरकार ने स्ट्रीट वेंडर्स के लिए कैशबैक सहित डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए योजना के बजट में वृद्धि की है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस योजना के तहत 25 अप्रैल 2022 तक 31.9 लाख कर्ज मंजूर किए गए। इसके अलावा 29.6 लाख कर्ज के बदले 2931 करोड़ रुपये जारी किए गए।