Eye Flu
Eye Flu : बीते कुछ दिनों से देशभर में फैल रहे Eye Fluआई फ्लू के बढ़ते प्रकोप का असर संभल में भी देखने मिला रहा है। आज जिला अस्पताल में आई फ्लू से पीड़ित मरीजों की संख्या जायदा थी।
संभल के जिला संयुक्त चिकित्सालय में प्रतिदिन आई फ्लू से पीड़ित मरीजों की लंबी लाइन लग रही है। लेकिन यहां कोई नेत्र चिकित्सक नहीं है। Eye Flu आई फ्लू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से नेत्र चिकित्सक एसीएमओ डॉ. पंकज विश्नोई की 2 दिन की ड्यूटी लगाई गई है। लेकिन उसमें भी वह अपना पूरा समय नहीं दे पा रहे हैं।
Eye Fluआई फ्लू से पीड़ित मरीज दवाई लेने के लिए आते है। लेकिन डॉक्टर नहीं मिलते है तो मरीज और उनके तीमारदार बिना दवाई लिए घंटो इंतजार करने के बाद वापस घर लौट जाते हैं। जिला संयुक्त चिकित्सालय में लगातार आई फ्लू एवं बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
आई फ्लू की फैलती बीमारी से छोटे बच्चों से लेकर बड़े तक परेशान है। इस बीमारी के चलते बाजार में चश्मे की बिक्री भी बढ़ गई है। आई फ्लू से पीड़ित हर व्यक्ति के चेहरे पर काला चश्मा दिखाई दे रहा है। बीमारी से ठीक होने के लिए घरेलू नुक्से से इलाज किया जा रहा है। उसके बाद भी आम जनमानस को राहत मिलती हुई नजर नहीं आ रही है।
एक्टिव आई फ्लू वाले लोगों में काले चश्मे का उपयोग फोटोफोबिया को कम करने और आंखों को बार-बार छूने और संक्रमण फैलने से रोकने में मदद कर सकता है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी को स्वच्छता बनाए रखने और बार-बार अपने हाथ और चेहरा भी धोने चाहिए।
यह बीमारी हवा या आंखों के संपर्क से नहीं फैलती है। हालांकि, सीधे तौर पर तौलिये, चादर आदि के माध्यम से फैल सकती है। बीमारी के दौरान संक्रमण के प्रसार को कम करने के लिए पर्सनल चीजों को शेयर नहीं करना चाहिए। इस बार बड़ी संख्या में बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं।
बच्चों में तेजी से फैलने वाले संक्रमण को रोकने के लिए स्कूल अधिकारियों को भी उचित दिशा-निर्देश जारी किए जाने चाहिए। स्वीमिंग पूल के इस्तेमाल से बचा जा सकता है।
आई स्पेशलिस्ट संजीव कुमार गुप्ता बताते हैं कि आंख की समस्या से परेशान ज्यादातर लोग कंजक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू की चपेट में है। आमतौर पर यह मौसम में नमी और उमस भरी गर्मी से आई फ्लू के मरीजों की संख्या में इजाफा हो जाता है। इसका एक अहम कारण मानसून में वायरस और क्लैमाइडिया इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है।
इस मौसम में ह्यूमिडिटी की वजह से वायरस को जहां फैलने का मौका मिलता है, वहीं नमी की वजह से इन्फेक्शन हमारे शरीर में लंबे समय तक रहता है। ऐसा ही कुछ कंजक्टिवाइटिस के साथ भी है। इस मौसम में ज्यादा पसीना आने की वजह से लोग अपनी आंखों को बार-बार छूते हैं, जिसकी वजह से इंफेक्शन फैलने लगता है।
बड़ी बात यह है कि इस संक्रमण की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे आ रहे हैं। मगर यह वायरस किसी भी उम्र के लोगों में हो सकता है। परिवार में अगर कोई एक इसकी चपेट में आ गया तो बाकी सदस्यों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।
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