इस लड़की का फोन आए तो मत बताना OTP , नहीं तो खाली हो जायेगा बैंक खाता

नई दिल्ली । नेटवर्क

सोशल मीडिया के माध्यम से अलग-अलग तरीकों से लोगों के खाते से पैसे निकाल रहे है। बीते कुछ दिनों से एक लड़की नये तरकीके से लोगों को कॉल करते है और ओटीपी पुछने के बाद उसके खाते से पैसे कट जाते है। आये दिने अलग-अलग शहरों से शिकायते मिलने के बाद यूपी पुलिस ने लोगों को अलर्ट किया है।

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एक पीड़ित के अनुसार एक लड़की की कॉल आई और कहने लगी मैरी नौकरी लग गई है मैंने फार्म में गलती से अपने फोन की जगह आपका मोबाइल नंबर दे दिया है। जोकि मिलता जुलता है। सर मेरी नौकरी का सवाल है मुझे उसे नंबर को सही कराना है आपके मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा वह मेरे मोबाइल पर भेज देना। इससे मेरी कंपनी जहां मेरी नौकरी लगी है मेरा मोबाइल नंबर ठीक हो जाएगा। मैने मना किया तो वे रोने लगी मैने जैसे ही उसे ओटीपी बताया मेरे खाते से तीन बार आठ-आठ हजार रूपये कट गयें। इस तरह वे लोगों को अपना शिकार बना रही है।


ऐसे करते है ओटीपी से पैसे गायब

ओटीपी नंबर चोरी के दो तरीके हैं। पहले तरीके में जालसाज फोन पर खुद को बैंक का कर्मचारी बताकर पीड़ित से ओटीपी नंबर पूछ लेता है, जबकि दूसरे तरीके में ओटीपी तक पहुंच बनाने के लिए एक मैलवेयर का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके बाद वे आसानी से पीड़ित के खाते से पैसे अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते हैं।

अपनाते हैं यह तरीका


शहर के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने बताया कि ओटीपी नंबर चोरी में जालसाज पीड़ित को कॉल कर खुद को बैंक का कर्मचारी बताता है और क्रेडिट/डेबिट कार्ड को रीन्यू या अपडेट करने की बात करता है। इसके लिए वह कार्ड का नंबर और सीवीवी मांगता है। पीड़ित को यह जानकारी देने में इसलिए परेशानी नहीं होती, क्योंकि यह सर्वविदित है कि कोई भी ट्रांजैक्शन बिना ओटीपी के नहीं हो सकता। इसके बाद जालसाज पीड़ित से कहता है कि उसे एक एसएमएस मिलेगा, जिसे उसे सेंडर को वापस भेजना होगा।

इनक्रिप्टेड होते हैं मैसेज


दरअसल, ऐसे एसएमएस इनक्रिप्टेड होते हैं और उसमें कोई अर्थपूर्ण टेक्स्ट नहीं होता। हालांकि उसमें लिंक भी होता है और जब पीड़ित उसे क्लिक करता है, तो उसके फोन पर आने वाले सारे एसएमएस जालसाज के फोन पर ऑटोमेटिक ट्रांसफर हो जाते हैं। इस तरह कोई जालसाज आसानी से ओटीपी चुराकर पीड़ित के खाते से पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेता है।

लाखों रुपये की हो चुकी लूट


साइबर क्राइम के अधिकारियों के समक्ष 2-3 महीने पहले ऐसे मामले सामने आए थे। सूत्र ने कहा, शुरुआत में खाते से 5-10 हजार रुपये निकाले गए। लेकिन बाद में रकम बढ़ती गई और यह 50 हजार रुपये से लेकर कुछ लाख तक पहुंच गई। इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। पीड़ितों में कई आईटी एंप्लॉई हैं।

किसी को नहीं बताये अपनी निजी जानकारी


बैंक और पुलिस लोगों को समय-समय पर जागरूक करती रहती है। अपने खाते की जानकारी किसी को फोन पर ना दे। लेकिन फिर भी लोग लालच में आकर ओटीपी बता देते है जिसकी वजह से लोगों को हजारों से लेकर लाखों तक चुना लग जाता है। जागरूक बनये किसी को अपनी निजी जानकारी शेयर ना करयें।

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