Amroha News: अमरोहा। एक फार्म हाउस स्वामी के बेटे और नौकर की फरसे से वार कर हत्या कर दी गई, एक अन्य युवक गंभीर घायल हुआ। जानकारी पर आला पुलिस अफसरों के स्तर तक हड़कंप मच गया।
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मृतक के परिजनों से की गई पूछताछ और मौके से जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर पुलिस अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है। मृतक के परिजनों के किसी से दुश्मनी से इनकार के बाद फिलहाल हत्या की पूरी गुत्थी उलझी है। डीआईजी के भी मौके पर पहुंचने की बात कही जा रही है।
वारदता यूपी के अमरोहा के गजरौला क्षेत्र की है। पुलिस के अनुसार मेरठ जिले के मवाना तहसील क्षेत्र के गांव सीना निवासी सोपनेल उर्फ मिंटू का गजरौला क्षेत्र के गांव गुलामपुर के जंगल में खेती की जमीन व फार्म हाउस है। फार्म हाउस की देखरेख के लिए नौकर रत्नपाल भाटी को रखा गया था। वहीं मिंटू समेत परिवार के अन्य लोग भी जब तब यहां आटे रहते थे।
बताया जाता है कि बीते करीब आठ दिन से मिंटू का बेटा अनिरुद्ध भी फार्म हाउस पर ठहरा था। इस बीच सोमवार रात अनिरुद्ध के साथ ही नौकर रत्नपाल भाटी की फरसे से वार कर हत्या कर दी गई। फार्म हाउस पर मौजूद हापुड़ जिले के गढ़ मुक्तेश्वर थाना क्षेत्र के निवासी एक अन्य युवक जीत को भी धारदार हथियारों से हमला कर गंभीर घायल कर दिया गया।
मंगलवार सुबह जब दूधिया फार्म हाउस पर दूध देने पहुंचा तो अनिरुद्ध और रत्नपाल के रक्तरंजित शव देख कर पांव तले जमीन खिसक गई। जंगल में बने फार्म हाउस से भागकर गांव पहुंचे दूधिया ने ग्रामीणों को इस बावत जानकारी दी। सूचना पर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। मृतकों के शव कब्जे में लेते हुए घायल को अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं सूचना पर पहुंचे अनिरुद्ध के परिजनों ने अनिरुद्ध या परिवार के किसी भी सदस्य की किसी से कोई दुश्मनी से इनकार किया।
ऐसे में वारदात को किसने और क्यों अंजाम दिया बड़ा सवाल बना है। फिलहाल पुलिस टीम परिजनों के बयान और मौके से जुटाए गए साक्ष्यों के साथ ही मृतकों की फोन कॉल डिटेल के जरिए हत्यारोपियों तक पहुंचने की जद्दोजहद में जुटी है। मौके पर डीआईजी के पहुंचने की बात भी कही जा रही है। प्रभारी निरीक्षक हरीश वर्धन सिंह ने जांच के बाद जल्द वारदात का पर्दाफाश किए जाने का दावा किया है।
आठ दिन से फार्म हाउस पर ठहरे अनिरुद्ध की सोमवार शाम ही परिजनों से फोन पर बात हुई थी। परिजनों ने उससे घर लौटने के लिए कहा था। अनिरुद्ध ने भी एक-दो दिन में घर वापस लौटने की बात परिजनों से कही लेकिन शायद होनी को कुछ और ही मंजूर था और वापस घर पहुंचे के पहले ही अनिरुद्ध मौत की नींद सो गया।
घटनास्थल और शवों की स्थिति को देख वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों की संख्या छह से ज्यादा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। जिस नृशंस तरीके से अनिरुद्ध व उसके नौकर को मौत के घाट उतारा गया, उसके पीछे छिपी वजह अब बड़ा सवाल बनी है। फिलहाल हर किसी की नजर पुलिस जांच व उसके नतीजे की ओर टिकी है।