योगी सरकार का बड़ा ऐलान, श्रमिकों की बेटियों की शादी पर अब मिलेंगे 65 हजार, लगेगा इतना समय

JYNEWS-उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने श्रमिक परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में, सरकार ने निर्माण श्रमिकों की बेटियों के विवाह के लिए अनुदान राशि को बढ़ाने का फैसला किया है। पहले यह राशि 55 हजार रुपये थी, जो अब बढ़कर 65 हजार रुपये हो गई है। यह बदलाव न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करेगा बल्कि गरीब श्रमिक परिवारों की बेटियों की शादी की चिंता को भी कम करेगा।

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यह योजना उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के तहत संचालित कन्या विवाह सहायता योजना का हिस्सा है। डेढ़ साल से इस योजना का लाभ रुका हुआ था, जिससे कई परिवार प्रभावित हुए थे। अब इसकी बहाली के साथ राशि में वृद्धि से लाखों श्रमिकों को राहत मिलेगी। इस लेख में हम इस योजना की पूरी जानकारी, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और इसके प्रभाव पर विस्तार से चर्चा करेंगे। यह बदलाव विशेष रूप से उन परिवारों के लिए वरदान साबित होगा जो दैनिक मजदूरी पर निर्भर हैं और बेटी की शादी के खर्च से चिंतित रहते हैं।

उत्तर प्रदेश में श्रमिकों की संख्या करोड़ों में है, और यह योजना उनके सामाजिक-आर्थिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सरकार का यह कदम बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान से भी जुड़ा हुआ है, जहां बेटियों को सशक्त बनाने पर जोर दिया जाता है। आइए, योजना की मुख्य विशेषताओं पर नजर डालते हैं।

योजना की मुख्य विशेषताएं

कन्या विवाह सहायता योजना उत्तर प्रदेश सरकार की एक प्रमुख कल्याणकारी योजना है, जो विशेष रूप से निर्माण श्रमिकों के लिए बनाई गई है। इस योजना की कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • आर्थिक सहायता: पंजीकृत श्रमिकों की बेटी के विवाह या महिला श्रमिक के स्वयं के विवाह के लिए अनुदान प्रदान किया जाता है।
  • राशि की सीमा: हालिया अपडेट के अनुसार, अब 65 हजार रुपये की मदद मिलेगी, जो पहले 55 हजार थी।
  • लाभार्थी: मुख्य रूप से निर्माण क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिक, जैसे मजदूर, राजमिस्त्री, प्लंबर आदि।
  • अन्य लाभ: यदि विवाह अंतर्जातीय हो तो अतिरिक्त राशि, और विकलांगता के मामले में भी विशेष प्रावधान।
  • बहाली: डेढ़ साल की रुकावट के बाद योजना फिर से शुरू, जिससे बैकलॉग क्लियर किया जाएगा।
  • उद्देश्य: श्रमिक परिवारों में बेटियों की शादी को आर्थिक बोझ न बनने देना और सामाजिक समानता को बढ़ावा देना।

यह योजना श्रम विभाग के माध्यम से संचालित होती है और इसका उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को सहारा प्रदान करना है। इससे न केवल शादी के खर्च में मदद मिलती है बल्कि परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

अनुदान राशि में वृद्धि: 55 हजार से 65 हजार तक

योगी सरकार ने हाल ही में अनुदान राशि को 55 हजार से बढ़ाकर 65 हजार रुपये करने का निर्णय लिया है। यह वृद्धि श्रमिकों के लिए एक बड़ा तोहफा है, क्योंकि महंगाई के इस दौर में शादी के खर्च में काफी इजाफा हुआ है। पहले की राशि अपर्याप्त साबित हो रही थी, इसलिए इस बदलाव की मांग लंबे समय से की जा रही थी।

इस वृद्धि के पीछे का मुख्य कारण श्रमिकों की बढ़ती जरूरतें और आर्थिक चुनौतियां हैं। उदाहरण के लिए:

  • शादी के लिए कपड़े, ज्वेलरी और अन्य सामग्री की कीमतें बढ़ी हैं।
  • महंगाई दर के अनुसार, 10 हजार की अतिरिक्त राशि परिवारों को राहत प्रदान करेगी।
  • यह बदलाव सभी पात्र आवेदनों पर लागू होगा, जिसमें पुराने बैकलॉग भी शामिल हैं।

सरकार का दावा है कि इससे लाखों बेटियों की शादी आसान हो जाएगी। हाल के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में करीब 50 लाख से अधिक पंजीकृत श्रमिक हैं, और इनमें से कई की बेटियां विवाह योग्य हैं। इस वृद्धि से योजना की लोकप्रियता और बढ़ेगी।

डेढ़ साल की देरी: कारण और समाधान

करीब डेढ़ साल से इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था, जिससे श्रमिक परिवारों में असंतोष था। देरी के मुख्य कारण निम्नलिखित थे:

  • प्रशासनिक मुद्दे: फंड आवंटन में विलंब और दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया में देरी।
  • कोविड-19 का प्रभाव: महामारी के दौरान कई योजनाएं प्रभावित हुईं, जिसमें यह भी शामिल थी।
  • तकनीकी समस्याएं: ऑनलाइन पोर्टल में अपडेट और सत्यापन की कमी।
  • बजट संबंधी चुनौतियां: राज्य बजट में प्राथमिकताओं के कारण फंड रिलीज में देरी।

अब सरकार ने इन मुद्दों को हल कर लिया है। योजना की बहाली के साथ बैकलॉग क्लियर करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। श्रम मंत्री ने घोषणा की है कि सभी पेंडिंग आवेदनों को प्राथमिकता दी जाएगी, और नई राशि के साथ भुगतान किया जाएगा। इससे श्रमिकों का विश्वास बहाल होगा।

पात्रता मानदंड: कौन ले सकता है लाभ

इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ पात्रता मानदंड निर्धारित हैं। मुख्य रूप से:

  • पंजीकरण: आवेदक को उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत होना चाहिए, और पंजीकरण कम से कम 1 वर्ष पुराना हो।
  • आय सीमा: परिवार की वार्षिक आय 2 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
  • उम्र: बेटी की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  • विवाह की स्थिति: विवाह होने के 3 महीने के भीतर आवेदन करना अनिवार्य।
  • दस्तावेज: आधार कार्ड, विवाह प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण आदि।
  • अन्य: महिला श्रमिक स्वयं के विवाह के लिए भी आवेदन कर सकती हैं।
  • WEB- https://upbocw.in/

ये मानदंड सुनिश्चित करते हैं कि लाभ सही हाथों में पहुंचे। यदि कोई अंतर्जातीय विवाह है, तो राशि और बढ़ सकती है।

आवेदन प्रक्रिया: स्टेप बाय स्टेप गाइड

आवेदन प्रक्रिया सरल है और ऑनलाइन/ऑफलाइन दोनों तरीकों से की जा सकती है। यहां स्टेप बाय स्टेप गाइड:

  1. पंजीकरण चेक: सबसे पहले बोर्ड की वेबसाइट पर अपना पंजीकरण सत्यापित करें।
  2. फॉर्म डाउनलोड: आधिकारिक साइट से कन्या विवाह सहायता फॉर्म डाउनलोड करें।
  3. दस्तावेज संलग्न: आवश्यक दस्तावेज जैसे विवाह कार्ड, फोटो, बैंक पासबुक आदि संलग्न करें।
  4. आवेदन जमा: निकटतम श्रम कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल पर जमा करें।
  5. सत्यापन: विभाग द्वारा दस्तावेजों का सत्यापन होगा।
  6. भुगतान: स्वीकृति के बाद राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर।

यह प्रक्रिया आमतौर पर 1-2 महीने में पूरी हो जाती है। ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग करने से समय बचता है।

योजना का प्रभाव: श्रमिक परिवारों पर असर

यह योजना श्रमिक परिवारों पर गहरा प्रभाव डालती है। आर्थिक सहायता से:

  • बेटियों की शादी बिना कर्ज के हो पाती है।
  • परिवार की बचत बढ़ती है, जो शिक्षा या स्वास्थ्य पर खर्च की जा सकती है।
  • सामाजिक स्तर पर, बेटियों को सम्मान मिलता है।
  • राज्य स्तर पर, यह गरीबी उन्मूलन में योगदान देती है।

पिछले वर्षों में हजारों परिवारों ने लाभ उठाया है। अब राशि वृद्धि से प्रभाव और बढ़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे श्रमिकों की उत्पादकता बढ़ेगी, क्योंकि वे चिंता मुक्त रहेंगे।

भविष्य की संभावनाएं

योगी सरकार का यह कदम सराहनीय है। अनुदान राशि की वृद्धि से श्रमिकों की बेटियों का भविष्य सुरक्षित होगा। भविष्य में योजना को और विस्तार दिया जा सकता है, जैसे अन्य क्षेत्रों के श्रमिकों को शामिल करना। यदि आप पात्र हैं, तो जल्द आवेदन करें और लाभ उठाएं। यह योजना उत्तर प्रदेश को सामाजिक न्याय की दिशा में आगे ले जा रही है।