बरसात के बाद भूस्खलन से बदरीनाथ हाईवे सहित कई सड़कें बंद

देहरादून। बारिश के बाद भूस्खलन से बदरीनाथ हाईवे सहित कई सड़कें बंद हो गईं हैं। सड़कें बंद होने से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ट्रैफिक जाम से निजात को पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट किया है। बंद सड़कों की वजह से लोगों को कई घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है।

 

ऐसी खबरें पढ़ने के लिये Group को Join करें
ऐसी खबरें पढ़ने के लिये Whatsapp Channel को Follow करें
ऐसी खबरें पढ़ने के लिये Group को Join करें

भिलंगना ब्लॉक में बीते मंगलवार को हुई भारी बारिश से बालगंगा और धर्मगंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है। इससे बूढ़ाकेदार और आसपास के ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना है। वहीं, नदियों के तेज बहाव के कारण कोटी-अगुंडा सड़क मार्ग का एक हिस्सा पूरी तरह से बह गया।

जिससे कोटी-पिंसवाड़ सहित तीन अन्य गांवों का चमियाला-घनसाली सहित जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। भिलंगना ब्लॉक बूढ़ाकेदार क्षेत्र में हुई भारी बरसात से बालगंगा और धर्मगंगा नदियों के जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंचने से क्षेत्र के लोगों दहशत में है।

नदियों का जलस्तर बढ़ने से कोटी-अगुंडा सड़क मार्ग का एक हिस्सा नदी के तेज बहाव की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे भिलंगना के ऊपर क्षेत्रों में बसे ग्रामीणों का चमियाला और घनसाली सहित जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह से कट गया है। स्थानीय निवासी व बीजेपी मंडल महामंत्री चंद्रेश नाथ ने बताया कि धर्मगंगा का जलस्तर काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है।

भाषण में तेजस्वी के अटकने पर लालू की बेटी रोहिणी बोलीं- पूरा सिस्टम तिल को ताड़ बनाने, बदनामी में जुट गया
नदी का जलस्तर नहीं घटा तो बूढ़ाकेदार में हालात बिगड़ सकते हैं। उन्होंने बताया बाढ़ का पानी बूढ़ाकेदार क्षेत्र के नदी तटों पर बसे गांवों के साथ बाजार तक पहुंचने की संभावना है। उन्होंने बताया कि धर्मगंगा नदी के तटों पर प्रशासन की ओर से लगाई गई सुरक्षा दीवार के साथ लगे आरसीसी ब्लाक भी बह गये है, जिससे नदी का पानी खेतों की ओर बहने लगा है।

क्षेत्र में वर्ष 2002 और 2013 में आई बाढ़ में करीब दर्जनभर लोगों और कई मवेशियों की मौत हो गई थी। साथ ही सैकड़ों हेक्टेयर कृषि भूमि भी बह गई थी। भारी बरसात और नदियों के बढ़े जलस्तर से लोगों में खौफ बना है। उधर, घनसाली एसडीएम केएन गोस्वामी ने क्षेत्र के लोगों से एहतियात बरतने के साथ सतर्क रहने की अपील की है।

कर्णप्रयाग और लंगासू के बीच बदरीनाथ हाईवे छह से अधिक जगह बंद रहा। गांधीनगर में सड़क का करीब बीस मीटर से अधिक हिस्सा साफ होने से यहां बड़े वाहनों के लिए आवाजाही 11 घंटे बाद सुचारू हो पाई। मंगलवार रात्रि की बारिश से गांधीनगर में सड़क का करीब पच्चीस मीटर हिस्सा बह गया। यहां सुबह महज केवल छोटे वाहन की पार हो रहे थे।

बीते मंगलवार की रात भारी बारिश के कारण यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भारी भरकम पेड़ गिरने से आवाजाही ठप रही। इससे यमुनोत्री धाम की यात्रा पर भी ब्रेक लगा रहा। एसडीआरफ की टीम ने पैदल मार्ग को दोपहर तीन बजे के करीब खोल दिया। मंगलवार रात हुई भारी बारिश से यमुनोत्री पैदल मार्ग पर नाइन कैंची नामक स्थान पर पत्थर और पेड़ गिरने से मार्ग बंद हो गया।

साथ ही रेन शेड भी क्षतिग्रस्त हो गया। सूचना पर बुधवार सुबह एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और मार्ग को आवाजाही के लिए खोलने में जुट गई। हालांकि, एक किनारे से यात्री जोखिम के साथ यमुनोत्री निकले, लेकिन सुबह यात्रा पूरी तरह से ठप रही। वहीं, दूसरी ओर भारी बारिश के कारण उत्तरकाशी की गंगाघाटी में भागीरथी नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है।

जिला प्रशासन ने लोगों से गंगा घाटों पर नदी किनारे सावधानी के साथ पूजा-अर्चना और गंगाजल भरने की अपील की है।जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने लोगों से सतर्क रहने को कहा है। वहीं, मनेरी भाली प्रथम और द्वितीय जल विद्युत परियोजनाओं में भारी बारिश से सिल्ट जमा होने पर विद्युत उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। इससे जल विद्युत निगम को लाखों के नुकसान का दावा है। उत्तरकाशी जिले में रात के समय लगातार भारी बारिश का दौर जारी है, जिस कारण नदी-नाले उफान पर हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *